इस ब्लॉग में Voyager मिशन क्या है। तथा नासा के द्वारा प्रक्षेपित किये गये Voyager 1 और Voyager 2 के बारे में जानने की कोशिश करते है। इन दोनो अन्तरिक्षयानो का काम क्या है। ये किस प्रकार हमारे लिये उपयोगी है। इन सब के बारे में अध्ययन करने की कोशिश करते है।

Voyager मिशन क्या है।

Voyager मिशन के अन्तर्गत Voyager 1 और Voyager 2 नामक दो अन्तरिक्षयान अमेरिका के नासा से अन्तरिक्ष में प्रक्षेपित किया गया था। इस मिशन का उद्देश्य सौरमण्डल के आगे जाकर Heliosphere के बाहर के ग्रहो और उनके उपग्रहो का पता लगाना और उनका अध्ययन करना था। इन दोनो यानो में कॉपर का ग्रामोफोन लगा है। जो करीब एक अरब साल तक सही सलामत रहेगा। यह दोनो यान अनन्त ब्रह्माण्ड में चलता जा रहा है। अगर भविष्य में यह किसी ऐसी सभ्यता के हाथ लगता है जो इस ब्रह्माण्ड में कही बसती है। तो ग्रामोफोन में रिकॉर्ड के जरिये पृथ्वी पर मानव के होने का संदेश मिलेगा। अगर भविष्य में किसी खगोलीय घटना से हमारी पृथ्वी पर मानव जीवन समाप्त हो जाता है। तो इन दोनों यानों के जरिये इस ब्रह्माण्ड में हमारी मानव सभ्यता की निशानी बची रहेगी। इसलिये यह दोनो अन्तरिक्षयान मानव द्वारा भेजा गया एक मानवता का सन्देश भी है। Voyager मिशन का Official वेबसाइट https://voyager.jpl.nasa.gov है।

Voyager 1

Voyaser 1 एक अन्तरिक्षयान है। इसको Voyager मिशन के अन्तर्गत नासा ने 5 सितम्बर 1977 को Titan IIIE नामक रॉकेट से अन्तरिक्ष में प्रक्षेपित किया था। इसका काम सौर मण्डल के आगे जाकर Heliosphere के बाहर के ग्रहो का अध्ययन करना था। प्रक्षेपित करते समय इसका वजन लगभग 825 किलोग्राम था। यह मानव निर्मित पहला ऐसा वस्तु है। जो बृहस्पति और शनि ग्रह की यात्रा करते हुये इस सौरमण्डल से बाहर निकल गया है। यह यान ब्रह्माण्ड की अनन्त गहराइयो में चलता जा रहा है। यह यान अब सौरमण्डल से कभी वापस नही सकता है। Voyager 1 से पृथ्वी की दूरी जनवरी 2021 में लगभग 13.9 अरब मील था।


Voyager 2

Voyaser 2 भी एक अन्तरिक्षयान है। इसको भी Voyager मिशन के अन्तर्गत नासा ने 29 अगस्त 1977 को Titan IIIE नामक रॉकेट से ही अन्तरिक्ष में प्रक्षेपित किया था। यह Voyager 1 का जुड़वा है। इसका भी काम सौर मण्डल के आगे जाकर Heliosphere के बाहर के ग्रहो और Interstellar Space का अध्ययन करना था। प्रक्षेपित करते समय इसका भी वजन लगभग 825 किलोग्राम था। यह मानव निर्मित दूसरा ऐसा वस्तु है। जो बृहस्पति, शनि, वरुण और अरुण ग्रह की यात्रा करते हुये इस सौरमण्डल से बाहर निकल गया है। यह यान भी ब्रह्माण्ड की अनन्त गहराइयो में चलता जा रहा है। यह यान भी अब सौरमण्डल से कभी वापस नही सकता है। Voyager 2 से पृथ्वी की दूरी जनवरी 2021 में लगभग 11.7 अरब मील था।

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